नींद मेरी आँखों से दूर-दूर भागे!

आज लता मंगेशकर जी और मुकेश जी का गाया एक बहुत मस्त गीत, फिल्म- ‘हरियाली और रास्ता’ का याद आ रहा है, 1962 में रिलीज़ हुई इस फिल्म के नायक थे मनोज कुमार जी और नायिका थीं- माला सिन्हा, वैसे इस फिल्म में शशिकला भी थीं और यह एक प्रकार से प्रेम त्रिकोण वाली फिल्म है।

आइए इस सुरीले और नशीले गीत को याद करते हैं, जिसके बोल- शैलेंद्र जी ने लिखे हैं और इसमें संगीत- शंकर जयकिशन की विख्यात जोडी ने दिया था-

इब्तिदा-ए-इश्क़ में, हम सारी रात जागे
अल्लाह जाने क्या होगा आगे
मौला जाने क्या होगा आगे।
दिल में तेरी उलफ़त के, बंधने लगे धागे, अल्लाह…

क्या कहूँ कुछ कहा नहीं जाए
बिन कहे भी रहा नहीं जाए
रात-रात भर करवट मैं बदलूँ
दर्द दिल का सहा नहीं जाए
नींद मेरी आँखों से दूर-दूर भागे, अल्लाह…

दिल में जागी प्रीत की ज्वाला
जबसे मैंने होश संभाला
मैं हूँ तेरे प्यार की सीमा
तू मेरा राही मतवाला
मेरे मन की बीना में, तेरे राग जागे, अल्लाह…

तूने जब से आँख मिलाई
दिल से इक आवाज़ ये आई
चल के अब तारों में रहेंगे
प्यार के हम तो हैं सौदाई
मुझको तेरी सूरत भी चाँद-रात लागे।

अल्लाह जाने क्या होगा आगे
मौला जाने क्या होगा आगे।

 

आज के लिए इतना ही।
नमस्कार।

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2 responses to “नींद मेरी आँखों से दूर-दूर भागे!”

    1. Thanks, I too love it.

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